ज्ञान और धैर्य


यह कहानी एक गांव की है, इस गांव में एक बहुत बड़ा और बहुत मजबूत दरवाजा था, जो बहुत
सालों से बंद था। कोई गांव वाला कहता कि इसके पीछे कोई तांत्रिक शक्ति है,कोई कहता कि भूत प्रेत
हैं।
परंतु एक रात अचानक गांव के सरपंच को एक सपना आया कि “यदि अपने गांव का
विकास चाहते हो तो इस दरवाजे को खोलो”। अगली सुबह सरपंच द्वारा पंचायत बुलाई गई पंचायत में
गांव वालों ने कहा कि वैसे भी दरवाजा बहुत सालों से बंद है, क्यों ना इसे खोल कर देख लिया जाए।
सभी की सहमति से दरवाजा खोलने का निर्णय लिया गया।
अगली सुबह सभी लोग एकत्रित हुए और जिसके हाथ में जो भी आया उसने उस दरवाजे पर
प्रहार करना शुरू कर दिया किसी ने लकड़ी की बल्ली से किसी ने पत्थरों से किसी ने ईटों से
परंतु दरवाजा नहीं टूटा सभी थक कर बैठ गए और हताश हो गए। तभी उनमें से एक लड़का
जिसका नाम मोहन था, जो उनमें सबसे ज्यादा परिश्रमी और बुद्धिमान था, वह आगे बढ़ा और
दरवाजे को 5:00 मिनट तक देखता रहा तभी उसे इतने बड़े और विराट दरवाजे में ऐसी जगह
दिखाई दी जो कुछ कमजोर थी।
उसके कहने से सभी लोगों ने उस दरवाजे पर वहां वार करना शुरू किया जहां से वह
कमजोर था और देखते ही देखते दरवाजा थोड़ी देर में टूट गया और उसके पीछे जो धंन था, वह
अब गांव का हो चुका था और उस गांव में विकास होने लगा। वह एक विकसित गांव बन गया।
ठीक इसी प्रकार जब भी कोई मुसीबत हमारे सामने आए तो हमें बुद्धि और धैर्य से
उसका सामना करना चाहिए तथा उसका कुछ समय अवलोकन करके उस कमजोर कड़ी को ढूंढना
चाहिए जिस पर वार करके हम उस मुसीबत को खत्म कर सके और अपने लिए एक अच्छा
रास्ता एक सुदृढ रास्ता तैयार कर सकें।


तारीख: 12.04.2024                                    विशाल गर्ग









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