जब भी मैँ तुमसे मिलु,
मन कहता है एक वो बात हो जो अधूरी रह जाए..
एक वो बात जो पूरी करने तुम आओगे
ये एक उम्मीद एक आस मन में रह जाए..
वो रास्ता जहाँ तुम मिले थे
कहीं वहां वो एक अधुरा मोड़ हो जो मुझ तक लौट कर आये
जब भी तुम मुझे देखो
एक सवाल हो तुम्हारे मन में जो अधुरा रह जाए
जिसका जवाब लेने आओगे तुम ये उमीद मेरे मन में रह जाए..
तुम आओगे कभी...ये नहीं जानती मैं...
पर ये अधूरे पल,मुझे पूरा करते है...
मेरे अधूरे जीवन को सपने दखने की वजह देते है..
ये अधूरी बातें मुझे तुमसे जोडती है..तुम अब भी हो
हमेशा रहोगे एक उम्मीद बनकर ॥
मेरे जीवन का एक वो सपना , एक वो उद्देश्य..
जो पूरा होगा कभी एक ऐसी आस बनकर ।