कोरोना क्या कहता हमसे?

कोरोना क्या कहता हम से ,
ना निकलो तुम अपने घर से।
ना खुद पे कोई शासन था ,
ना मन पे कोई जोर चले।

जंगल जंगल कट जाते हैं,
जाने कैसी ये दौड़ चले।
जब तुमने धरती माता के,
आँचल को बर्बाद किया।

तभी कोरोना आया है ,
धरती माँ ने ईजाद किया।
देख कोरोना आजादी का ,
तुम को मोल बताता है।

गली गली हर शहर शहर ,
ये अपना ढ़ोल बजाता है।
जो खुली हवा की साँसे है,
उनकी कीमत पहचान करो।

ये आजादी जो मिली हुई है,
थोड़ा सा सम्मान करो ।
यहो कोरोना कहता हमसे ,
बढे चलो पर थोडा थम से ।


तारीख: 12.02.2024                                    अजय अमिताभ सुमन









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