दूर हूँ परदेस में
याद आती है
जब भी होता हूँ अकेला
माँ की हर बात
याद आती है
माँ है वो दीया
जिससे रौशन हमारी
ज़िंदगी है,
हमारी फितरत तो बस
माँ की बंदगी है
उसकी आँचल तले सोया हूँ,
ये महसूस करता हूँ,
दूर हूँ परदेस में तुझे
बहुत याद करता
हूँ….