हार कहाँ हमने मानी है

जीतकर ही दम लेने की ठानी है।
अभी हार कहाँ हमने मानी है।।

जीवन पूर्णतयः एक स्पर्धा है होती,
जिसमें जय-पराजय लगी ही रहती,
पर प्रयास से जीत मिल जानी है।
अभी हार कहाँ हमने मानी है।।

अभ्यास करते रहेंगे हम प्रतिदिन,
हो परीक्षा चाहे कितनी भी कठिन,
अपनी तो पल-पल की तैयारी है।
अभी हार कहाँ हमने मानी है।।

आये कितनी मुश्किल की घड़ी,
कर्तव्य-पथ रहूँगी डटी मैं खड़ी,
प्रत्येक जिम्मेदारियाँ निभानी है।
अभी हार कहाँ हमने मानी है।।

विपत्ति में धैर्य तनिक न खोना,
क्षुद्र रूप से सफल न होना,
स्वभाव अपना स्वाभिमानी है।
अभी हार कहाँ हमने मानी है।।
 


तारीख: 08.03.2024                                    सोनल ओमर




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