हूँ मैं सिर्फ \"महिला\"

न मैं कमतर,न मैं बेहतर;
पर हाँ हूँ मैं तुम्हारे बराबर...
न मैं देवी,न मैं शक्ति;
पर हाँ हूँ मैं एक व्यक्ति...
न मैं भवानी,न महाकाली पर;
हाँ हूँ मैं शक्तिशाली...
न मैं विधाता,न ही भगवान;
पर हाँ हूँ मैं जीव की सृजनहार...
न मैं मीरा,न मैं राधा;
पर हाँ हूँ मैं रूप,अर्धनारीश्वर का आधा...
न मैं वरदान,न ही अभिशाप;
पर हाँ कर सकती हूँ संहार...
न करो प्रणाम,न दो सलाम;
पर हाँ चाहती हूँ अपने हिस्से का आधार...
न ही प्यार,न ही अधिकार;
पर हाँ चाहिए अपना सम्मान...
न मैं सीता,न मैं अहिल्या;
पर हाँ हूँ मैं सिर्फ "महिला"...


तारीख: 10.04.2024                                    मंजरी शर्मा









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