पीर थी पुरानी, मगर थी हमारी
तेरी जीत थी लेकिन हार हमारी
तेरे शहर में खुशियों की लहर थी
मेरे शहर में सफेद बादलो का कहर था
शायद मेरे हार में ही तेरी जीत थी |
तय तो था साथ का सफर एक मुकाम के लिए
पर एक राह पर था उजाला किन्तु आगे भयानक तम
तुमने शोहरत देख पल भर में रास्ता बदला
तुम प्रभात से रात्रि में और मै रात्रि से प्रभात में चला
इसलिए मै पीछे रह गया, आपने पल भर में जीत लिया |
मैंने बतलाया था, है राह गलत जिस पर हो चले
तुम्हें चमकती दुनिया दिखी, मुझे अपना स्वाभिमान
तेरे जल्द आने से तम था, मेरे देर से आने पर प्रकाश
तुम पहुंचे तो हम न थे, हम पहुंचे तो तुम न थे |