कौन है कृष्ण

कृष्ण वही है  जिनको सारा संसार माखनचोर कहता है लेकिन स्यामांतक मणि की चोरी का झूठा आरोप निरस्त करने के लिए हर कठिनाई को पार कर मणि भी वही कृष्ण लेकर आए थे। 
संदेह नहीं है कि सारे संसार को प्रेम का पाठ पढ़ाया कान्हा ने। साथ ही हर विपरीत परिस्थितियों में मुस्कुराहट संभालना भी मुरली मनोहर ने ही सिखाया है। 

एक छोटे से बालक के रूप में पूजे जाने वाले लड्डु गोपाल ने कर्मभूमि में समस्त शास्त्रों का ज्ञान गीता रूप में देकर आदिगुरू के रूप में सारी मानवता का पथप्रदर्शन किया है। 

गोपियों के वस्त्र छुपा कर यदि उन्हें जल और प्रकृति में भी देवताओं का वास होने का ज्ञान दिया है तो केवल एक ही पुकार पर द्रोपदी की भरी सभा में रक्षा करने वाले भक्त वत्सल हैं। 

सभी गोपियों के साथ रास रचाने वाला सांवरिया सेठ 16000 स्त्रियों के मान की रक्षा के लिए नरकासुर का वध करते हैं और उन सब के शील की रक्षा के लिए सब स्त्रियों से विवाह करते हैं। वह भी केवल इस लिए कि समाज इन बन्दी स्त्रियों का अपमान न कर सके। 

रणछोड़ है मेरा माधव। प्रजाहित के लिए अपने मान को भूल कर युद्ध से भी भाग जाए। लेकिन यदि बात हो न्याय और अधिकार की, किसी शोषण के विरुद्ध आवाज़ उठाने की तो रणक्षेत्र में शिथिल होते अर्जुन और अन्य पांडवों का संबल है मेरे ठाकुर। 

बहुत बड़ा छलिया है वो, अपने छलावे से मुस्कुराहट बिखेरते चलता है लेकिन छल कपट से भरे गांधार नरेश शकुनि को मृत्यु दंड दिया। 

प्रेम रस में बंशीधर समय आने पर पार्थ  के सार्थ भी निःसंकोच बनते हैं। वह अर्जुन के माध्यम से सम्पूर्ण मानवता के रथ का संचालन करते हैं और  मानव रूप में अवतरित कलियुग अर्थात् दुर्योधन से युद्ध करने को प्रेरित करते हैं ।

गईया चराने वाला ग्वाला गोकुल की रक्षा के लिए कालिया नाग के फन पर नृत्य भी करता है। कालिन्दी तट के नटखट बालकृष्ण ने जीवन के हर पहलू पर समाज को एक नई और सही दिशा दिखाई है। 

प्रेम भी कृष्ण और जीवन भी कृष्ण। 

जय श्री कृष्ण ।। 


तारीख: 20.02.2024                                    डॉ गुंजन सर्राफ









नीचे कमेंट करके रचनाकर को प्रोत्साहित कीजिये, आपका प्रोत्साहन ही लेखक की असली सफलता है