यूँ होक रुसवा

 

यह एक दुखद और रोमांटिक ग़ज़ल है - "यूँ होकर रुसवा क्यों चल दिए तुम" इस ग़ज़ल को विजय यादव ने लिखा और गाया है। आप उनकी अन्य ग़ज़लें साहित्यमंजरी पर पढ़ सकते हैं: Click here


तारीख: 21.10.2025                                    साहित्य मंजरी टीम




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