कुणाल झा की हिंदी कविता "झोपड़ियाँ और इमारतें"। यह कविता समाज में आर्थिक असमानता और समाज के विभिन्न आर्थिक वर्गों के सह-अस्तित्व पर आधारित है।
साहित्य मंजरी - sahityamanjari.com