ख़्वाब ही नहीं तेरा साथ चाहिए
मुझे तू चाहिए तेरा हाथ चाहिए
बदलने को बात की कोशिश ना करो
सिर्फ़ ये जनम नहीं पूरे सात चाहिए
इम्तिहान इश्क़ का अभी शुरू हुआ
कहां उठे चल दिए सवालात चाहिए
'इंशा ' 'नज़ीर' 'मीर' यारों सबर करो
मैं कह तो रहा कि ज़कात चाहिए
मेरे अश्क़ पोंछ दो सायबां से तुम
मैं हूं हँस रहा मुझे हयात चाहिए
मुझे हयात चाहिए ज़कात चाहिए
सवालात चाहिए पूरे सात चाहिए
ख़्वाब ही नहीं तेरा साथ चाहिए
मुझे तू चाहिए तेरा हाथ चाहिए
खुले लब कभी जब अपने दरम्यां
बस बात ही नहीं जज्बात चाहिए
सज के चला करे मैं देखता रहूं
बरसती रहे अदा बरसात चाहिए
लेकर तुझे उडूं हर सू हयात में
हंसती रहे सदा एक रात चाहिए
होगा सच कभी मेरा ये ख़्वाब भी
दोस्तों क्यूं नहीं, करामात चाहिए
करामात चाहिए एक रात चाहिए
बरसात चाहिए जज्बात चाहिए
ख़्वाब ही नहीं तेरा साथ चाहिए
मुझे तू चाहिए तेरा हाथ चाहिए