आई सी यू

आई सी यू में है समाज क्या करें
सूझता नहीं है इलाज़ क्या करें ।
नये दौर के बड़े स्मार्ट बच्चें हैं
मानते नहीं  रिवाज़ क्या करें ।
अब गानों में गालियाँ हैं ज़रुरी
फ़िर बेबज़ह रियाज़ क्या करें।
खोखले ज़ज्बात हैं बड़े ज़र्खेज़
खुलूस भरें दिलसाज़ क्या करें ।
तय कर दिया है अंजाम रब ने
जिंदगी बता आगाज़ क्या करें।
इश्क़ में वो मज़ा ही नहीं रहा
भला आशिक मिज़ाज क्या करें।


तारीख: 07.02.2024                                    अजय प्रसाद









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