लोन ले लो लोन

एक वक्त था जब हमने दिवाली मनाने के लिए एक सरकारी बैंक के अनगिनत चक्कर लगाए थे मात्र 1500 के फेस्टिवल लोन पाने के लिए। मैनेजर साहब ने चप्पलें घिसवा दी थी और लोन होली के नजदीक जाकर सैंक्शन हुआ था।
आज गली गली आवाजें आ रही हैं- ‘लोन ले लो लोन.....सस्ता लोन, आसान किस्तों पर लोन...बिना गारंटी के लोन...कम दरों पर लोन.....।’
      गली से फुरसत मिलती है तो मोबाइल चालू हो जाता है। आप किसी से शोक प्रकट करने के लिए कॉल मिला रहे हैं तो उधर से मधुर आवाज आने लगती है- ‘नमस्कार! क्या आपको लोन की जरुरत हेै?’ इधर बंदा झुंझला जाता है। जिस चीज की जरुरत है....उसके बारे कोई पूछता तक नहीं.....लोन की जरुरत है? अरे भाई लोगो.....बहन जीओ!......40 पार हो गया हूं.... आप में से किसी ने कभी पूछा ....किसी मैरिज ब्यूरो ने नहीं पूछा कि एक अदद बीवी की जरुरत है ?’
      एक समय था जब कर्ज लेना समाज में एक  अपमान समझा जाता था। लड़के की शादी करते समय कई रिश्तेदार या दूकानदार भांजी मार देते थे- अरे लाला फलां बैंक या फलंा साहूकार का कर्जाई है। कई बार इतनी सी बात पर अच्छा भला  रिश्ता गुल्ल हो जाता था।
      कभी कर्ज लिया जाता था। अब कर्ज दिया जाता है। प्राईवेट बैंक लोन देने पर आमादा है। सिर पर कफन बांध कर बैठ जाते हैं सवेरे सवेरे। बंदा टायलेट में मोबाइल लिए सीक्रेट मैसेज या फोटो देखने में लीन होता है तो बीच में कॉल आ जाती है- सर आपको लोन चाहिए ? वह ऐसे मौके पर झुंझला कर आखिर चिल्ला बैठता है- लोन नहीं चूर्ण चाहिए...!मोबाइल में डाल दे।
        उधर से मधुर ध्वनि को कोई फर्क नहीं पड़ता ऐसे जोक्स से। वह चालू रहती है- सर हम आसान किस्तों पर कार लोन देते हैं। बंदा परेशान होकर कहता है कि मेरे पास आलरेडी कार है। उधर से सजैशन आती है- तो सर कार बदल लो। पेट्र्ोल -डीजल मंहगा हो रहा है....आप इलैक्ट्र्कि कार का लेटेस्ट वर्जन ले लो। एक रुपये में एक किलोमीटर की एवरेज पड़ेगी। बंदा टायलेट के हाफ टाइम में ही बाहर आ जाता है जैसे पिक्चर हॉल में, इंटरवल होने पर लोग कैंटीन की तरफ भागते हैं।
       थोड़ी देर में एक काल और टपक पड़ेगी। आप समझेंगे कि बॉस से कोई अच्छी खबर आने वाली है। परंतु उधर से वही ढाक के कई पात- सर! थ्री बी .एच. के , के रेडी फॉर मूव फलैट्स हमारी कंपनी बिना किसी शर्त के दे रही है। बैंक लोन अवेलेबल है। नो गारंटी....नो डिपाजिट, नो एडवांस...बस साइन करिए अपने फुली फर्निश्ड फलेैट में घुसिए।
        अभी जरा सा वक्त बीतता है। उधर से फोन आ जाता है- क्या आप का बच्चा कनाडा, आस्ट्रेलिया, अमेरिका में पढ़ने जाना चाहता है तो हम आपकी एजुकेशन लोन ,वीजा में सहायता कर सकते हैं। हमारा एक्जीक्यूटिव आज ही आप और आपके नूरे चश्म  के दर्शन करने को बेताब है। बंदा सोचता है कि नालायक यहां रिक्शा चलाने लायक नहीं ...कैनेडा में ट्र्ाला तो चला ही लेगा। और बापू अपना खेत बेच डालता है।
         टेलीफोन पर आप जितना मर्जी कहो कि आपको लोन की जरुरत नहीं फिर भी मधुर ध्वनि के पाश में कितने ही लोग फंस जाते हैं। पहले दादा कर्जा लेता था, पोता लौटाता था। आजकल इसी जन्म में लौटाना पड़ता है। जब लोन देते हैं तो बंदा फटाफट 100 कागजों पर दस्तखत मार देता है। बारीक अक्षरों में कंडीशन अप्लाई मोटा लैन्ज लगा कर भी आप नहीं पढ़ सकता।
आप अपनी ई मेल खोलें या मोबाइल ऑन करें तो रोजाना आपको कम से कम 10 मेल या नोटिफिकेशन्ज ऐसी मिलेंगी जिसमें आपकी हैसियत से कहीं ज्यादा लोन पहले से ही अप्रूव्ड आ जाएगा।एक बार तो आप का सीना भी गर्व से फूल जाता है जब आप पढ़ते हैं‘ आपका पचास लाख का लोन सैंक्शन कर दिया गया है। मान न मान लोन तेरा मेहमान । बिन साइन हम तेरे।
        जब कर्ज वापस करने में कोई किस्त लेट हो जाती है तो बड़े बड़े मूंछ धारी आपकी सेवा में हाजिर हो जाते हैं। जरा सी चूं चां की तो आज की डेट में इनके गुर्गे ठुकाई पिटाई, कार उठाई में गुरेज नहीं करते।
      इंट्रेस्ट फ्री लोन कभी होता नहीं। बस दूर से दिखता है। जैसे श्री लंका को चीन से कर्ज लेते कुछ दिखा नहीं परंतु कर्ज लौटाते हुए दिखेगा। अब श्री लंका की ठुकाई पिटाई का दौर आने वाला है। पाकिस्तान का आलम भी कुछ ऐसा ऐसा ही है।


तारीख: 13.03.2024                                    मदन गुप्ता सपाटू









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