नानी का \"गुपचुप\" सरप्राइज...

मेरी नानी मुझे बहुत प्यार करती है. मैं और नानी बहुत अच्छे दोस्त है. मैं और नानी बहुत अच्छे दोस्त है. हम दोनों अपनी सभी बातें एक दूसरे से शेयर करते है.

नानी, मम्मी से ज्यादा मुझसे अपनी मन की बात करती है. अपने अनुभव बताती है और साथ ही हर मुश्किल को आसानी से हल कर देती है.

लोकडाउन के समय नानी और मुझे काफी वक्त मिल गया एक दूसरे से बात करने की. नानी ने मुझे बहुत सी रेसिपी भी सिखाई. लेकिन इससे बड़ी बात की नानी हर डिश से जुडी बातें, कहानियां और यहाँ तक फायदे नुक्सान भी बताती.

एक दिन ऐसे ही बात करते हुए नानी बोली, की आज बहुत चटपटा खाने का मन हो रहा है.   कुछ तीखा, खट्टा, मीठा  और  चटपटा स्वाद हो. नानी बोली की गोलगप्पे खाने का मन है लेकिन इस लॉकडाउन में बाहर नहीं जा सकते. तो गोलगप्पे का नाम सुनकर मुंह में पानी आ गया और शुरू हो गई नानी की गोलगप्पे वाली कहानी.

नानी ने बताया गोलगप्पो के और भी बहुत से नाम है जैसे महाराष्ट्र, गुजरात, मध्य प्रदेश, तमिलनाडु, कर्नाटक और नेपाल में इसे पानीपुरी के नाम से बुलाया जाता है। भारत के पूूर्वी राज्यों में में इसे फूचका का नाम दिया गया है। गुजरात और कच्छ के कुछ हिस्सों में इसे पकोड़े के नाम से जाना जाता है। इसके साथ ही कहीं गुपचुप, कहीं फुलकी तो कहीं पानी के बतासे के नाम से भी यह मशहूर प्रसिद्ध है।

गोल गप्‍पे सूजी-मैदा या फिर केवल सूजी या फिर आटे से भी बनाए जा सकते हैं।

गोलगप्पे के भरावन में आलू-प्याज, सफ़ेद मटर, काले चने और अंकुरित मूंग का प्रयोग कर सकते है.

इसके साथ ही काला नमक भुना जीरा और चाट मसाला होता है जो इसे चटपटा तो बनाता है साथ ही काफी सुपाच्य होता है.

नानी ने बताया की गोलगप्पों में सबसे अहम भूमिका उसके पानी की होती है. यह पानी काफी तरीके से बनाया जाता है. इसमें पुदीना पानी, खट्टा मीठा पानी, तीखा पानी, हींग जीरा पानी और इमली के पानी का प्रयोग होता है.

आप अपने स्वाद के अनुसार किसी भी पानी का प्रयोग कर सकए हो अपने अनुसासर उसे कम या ज़्यादा खट्टा मीठा या तीखा बना सकते हो.

इस पानी का तीखापन व खट्टापन पेट साफ करने के साथ मुंह में हुए छालों को खत्म करने में सहायक होता है.कभी-कभी कुछ कारणों से मितली भी महसूस होने लगती है, ये पानी काफी कामगर होता है, साथ ही एसिडिटी में भी लाभ होता है.

वाह नानी आपने तो मुंह में पानी ही ला दिया और साथ ही कितनी अच्छी अच्छीबातें भी बताई. काश! खाने को भी मिल जाते.. चलो कोई बात नहीं नानी, जैसे ही बाजार खुलेंगे हम गोलगप्पे खाने ज़रूर चलेंगे.

अगली सुबह रिया जब उठी तो उसने देखा नानी रसोई में कुछ कर रही है ... वो किचन में जाती है तो नानी उसे बोलती है पेश है नानी का "गुपचुप" सरप्राइज...
और दोनों ही हँसते हुए एक दूसरे के गले लग जाती है.
 


तारीख: 20.02.2024                                    मंजरी शर्मा









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