लोग कहते हैं
अगर किसी कवि या लेखक
को आपसे प्यार हो जाए
तो आप हमेशा के लिए
अमर हो जाते हैं
मैं अपने किस्से कहानियों में
अपनी नज़्मों और कविताओं में
अपनी शायरी और गज़लों में
तुम्हे हमेशा ज़िंदा रखने
की कोशिश करूँगी
तुमसे मिले दर्द
कागज़ों पे उतार भी दूँ अगर
तुम्हारे साथ बिताए सुकून के पल
शब्दों में बयान कर भी दूँ अगर
तुम्हारे साथ जिया अटूट प्रेम
गीत-मालाओं में पिरो भी दूँ अगर
क्या मेरे ये चंद शब्द और कविताएँ
उस अमर प्रेम को वास्तव में अमर बना पाएँगे?