भिखारी बनो

          ( मनहरण कवित्त छन्द )

 

                 भिखारी बनो

 

 

लालची लुटेरे लूटते लोगों को कथाओं से,

कथा कह के करोड़पति बहुत बने।

अज़ीब अन्धभक्ति अपनाता आदमी अब,

सब श्रोता सुन-सुनकर सनकी बने।

काले-काले कौए करतब करे नित्य नये,

अन्धविश्वासी अज्ञ भोले भरयाये घने।

दक्षिणा देने से वे बने बड़े अरबपति,

“मारुत” तुम देकर दान भिखारी बने।।

 

 

 


तारीख: 02.08.2025                                    पवन कुमार "मारुत"




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