हिजड़ा

मनुष्य योनि में जो सबसे सुंदर
मन मोहन जैसे मुरलीधर
दानवीर जैसे अंगपति
एक शरीर में ही दो है प्राण
अर्धनारीश्वर का प्रतिरूप 
ऐसा है हिजड़ा का स्वरूप।

फिर भी क्यों 
वह है समाज से बहिष्कृत
जन्म लेते ही तिरस्कृत ।

कोई तो अपना होगा
उसका भी तो सपना होगा
उसकी भी तो कोई मां होगी
उसका भी तो कोई पिता होगा ।

वह बड़ी होकर क्या कही जाएगी
मां कही जाएगी या 
पिता कही जाएगी
वह फैसला भी तो उसका होगा ।

वो बलिष्ठ शरीरधारी
वो कोमल बाला
तुम्हें किसने अधिकार दिया 
जो तुमने हिजड़ा का तिरस्कार किया।


तारीख: 04.02.2024                                    रंजन साव









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