पता नहीं क्यू

पता नहीं क्यू
ख्यालो में तुम साथ रहती हो।
जब भी मैं अकेला होता हूँ 
तुम मेरे पास रहती हो।


पता नहीं क्यू
ऐसा लगता है कि हर वक़्त साथ चलती हो
मुझे पता है कि मौत आनी है मुझे 
पर न जाने कब आएगी
इसलिए तुम हर धड़कन में रहती हो


पता नही क्यों
ख्यालो में तुम साथ रहती हो।
जब भी मैं अकेला होता हूं।
तुम मेरे पास रहती हो।


तारीख: 26.01.2018                                    विनोद महतो









नीचे कमेंट करके रचनाकर को प्रोत्साहित कीजिये, आपका प्रोत्साहन ही लेखक की असली सफलता है