प्रेम के चेहरे अनेक

चाहत नही  हैं फूल तोहफे और उपहार
तुम जब हो साथ तो जीवन है साकार.

प्रेम तो मेरा है सबसे जुदा, रंग बिखरता
चेहरे पर लाली, मन भीतर खूब निखरता.

करती नही कोई वादा, जन्म जन्म का 
है ख्वाहिश इतनी, अस्तित्व के साथ का, 
 
कोशिश है यह बस मेरी, दिल ना टूटे तेरा
जन्म मरण के बंधन से, हाथ ना छूटे मेरा

दिल के अरमानों को भीतर अपने कैद मैं कर लूँ
जब तक हैं जिस्म में जान, संग तेरे मैं रह लू़ं

तारीखों का मोहताज नहीं  हैं प्यार  हमारा, 
हर रोज प्रेम बना रहें, बस यही है सपना हमारा.
  
मुश्किल घड़ी में रहो हरदम तुम साथ मेरे
कहता है दिल मेरा, पल पल साया रहे संग तेरे.

ख्वाहिश नहीं , चांद तारों से मांग मेरी भरो
बस हो कुछ भी  ,प्रेम निरंतर तुम करते रहो..
 
मोहब्बत की बात नहीं, विश्वास सदा हम हो, 
रहो कितना भी दूर हमसे, चाहत बस मैं हो.

जीवन पथ पर रहूँ चाहे ना कभी आगे तुमसे
हाथ छोड़ कर आगे कदम तुम ना करना हमसे.

जीवन संगिनी बनकर रहूँ मैं हर सफर में तेरे
पूर्ण तभी कहलाउंगी, जब साथ रहोगे मेरे.. 

आता नहीं है इजहार ए मोहब्बत करना मुझको
बस यहीं है तमन्ना प्रेम में डूबकर चाहों मुझको.

 होती नही प्रेम की कोई एक परिभाषा, 
बस मेरे आखों को पढ़कर जानो भाषा.

वादा नही हर रोज प्रेम करो तुम हमसे, 
बस कह देना, बिछड़ कर  रह ना पाऊँ तुमसे

 कह देना तेरे होने से है अस्तित्व मेरा
तब मुझको होगा गर्व, तुझ पर लुटा दूंगी प्रेम मेरा.. 


तारीख: 06.08.2025                                    रेखा पारंगी




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