दोहे रमेश के 15 अगस्त पर

आजादी को हो गए,.आज उनहत्तर साल !
नहीं गुलामी का मगर,कटा ज़हन से जाल !!

आजादी का कब हुआ,हमें पूर्ण अहसास !
पहले गोरों के रहे ,...अब अपनों के दास !!

जिसको देखो बेधड़क, लूट रहा है देश !
आजादी के अर्थ को, समझे नहीं रमेश !!

आजादी के बाद से, दिन-दिन भड़की आग !
साल उनहत्तर बाद भी, नहीं सके हम जाग !!

भूखे को रोटी नहीं,रहने को न  मकान !      
हुआ देश आजाद ये,कैसे लूँ मै मान! !

आज़ादी को हो गये,आज उनहत्तर साल !!
नेता तो खुशहाल हैं,पर जनता बदहाल! 

आजादी अब हो गई,  है ऐसा हथियार !
अपनों के आगे करे, अपनों को लाचार !!
 


तारीख: 05.06.2017                                    रमेश शर्मा









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