शाम की तनहाइयाँ आज भी अक्सर हम से पूछती हैं
कौन है जिसे तेरी आँखें हर दम ढूंढती हैं
कौन है जिसके नाम से धड़कन तेज़ हो जाती है
कौन है जिसकी याद ने तुझे हँसते हँसते रुलाया है
कौन है जिसका ख्याल हर दम तेरे ज़ेहन में आया है
जवाब में हमने कहा :-
हाँ कोई था जिसकी याद ने हमें आज भी तड़पाया है
हाँ कोई था जिसके ख्याल ने हर पल सताया है
हाँ कोई था जिसने अपने न होने का हर लम्हा एहसास दिलाया है
हाँ कोई था बस जिसके लिए हमने अपने दिल को धड्काया है
आज न सुहानी शाम है न हाथो में उसका हाथ है
बस है शाम की तनहाइयाँ और अकेलेपन का साथ