जिसे कवि बनाता है
अपने कविता का बिम्ब
उसे जला के तुमको क्या मिला?
तुमने जला दिया मेरा दिल
मेरे पास की तुम्हारी सारी तस्वीरें
तुम्हारे सारे खत
फिर भी मैंने कुछ नहीं कहा।
पर मै लिखता था अंधेरे में कविताएं
तुम उस अंधेरे में भी जला दी दिया
उस अंधेरे में दिया जला के तुमको क्या मिला?
इस संसार के किसी कोने में तो अंधेरा रहने दो
जिससे हम छुपा सकें अपना दर्द
लिख सकें एक सुंदर कविता
और सकें रो,खुद के लिए,तुम्हारे लिए
और इस अभागे संसार के लिए...