बात

किसी पंछी को हथेली पर बैठा कर,
दाना चुगाया हो तो,
पर्यावरण की बात करना !
किसी बीज को ज़मीन सौंपकर,
हाथों पर मिट्टी को लिपटाया हो तो,
पर्यावरण की बात करना!
किसी डाल पर बने घोंसले को
टूटने से बचाया हो तो,
पर्यावरण की बात करना!
किसी बेजुबान, बेसहारा जीव को
सहारा देकर बसाया हो तो,
पर्यावरण की बात करना !
किसी नदी किनारे पाप न धोकर,
उसके आँचल को मैला न बनाया हो तो,
पर्यावरण की बात करना !
धरती के किसी जीव का भूले से भी कभी,
जाने-अनजाने में दिल न दुखाया हो तो,
पर्यावरण की बात करना !
वरना रहने दो,
तुम ये, बेकार की बात न करना !


तारीख: 07.03.2024                                    सुजाता









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