बात तो हमसे करो- छंद-हरिगीतिका 

छंद:- हरिगीतिका 
(11212) 11212 11212 11212
विधा :-

harigeetika chhhand sahitya manjari
चुप क्यों हुए सुनते हुए तुम? बात तो हमसे करो,
कल जो हुआ उसको भुलाकर, संग राह नयी चलो,

दिल जो कहे तुम वो करो अब, रोज़ याद ख़ुदा करो, 
हर बात को दिल से लगाकर, यूँ नहीं शिक़वा करो।

हमको दिखाकर ख्वाब जानम, ज़िन्दगी भर के लिये,
दिल तोड़ के अपना यहाँ तुम, कौन सी दुनिया गये,

मत रह सकें हम भी यहाँ,बिन इश्क़ के चलते हुए,
हमको नहीं मिलता सुकूँ अब, क्यूँ भला तनहा जिये।


तारीख: 04.01.2024                                    आकिब जावेद









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