छपाक


लो मान लिया मैने कि उसको प्यार था मुझसे
मगर जो उसने किया क्या वो प्यार मे होता हैं
माना कि गलत थी मैं जो उसको ठुकराया था
मगर अब कैसे भुलु कि उसने मुझको जलाया था
प्यार के नाम पर कायरता उसने कुछ यू दिखाई थी
फेंक कर तेजाब मुझपर उसने मोहब्बत निभाई थी
दर्द मे जलते हुए मैं बहुत रोई,चीखी, चिल्लाई थीं
एक अरसे के बाद मेरी माँ खुद को संभाल पाई थीं
अब पहले से कहीं अधिक सुंदर हूँ मैं
पर ये सुंदरता हर किसी को समझ नही आती
मैंने हमेशा गुनाहगारो को चेहरा ढकते हैं इसलिए
चेहरा उसे छिपाना होगा मै नहीं छिपाउंगी
मैं तो अब इस दुनिया को एक नई दिशा दिखाऊंगी
दुख सिर्फ इतना सा है कि उसका नाम मुझसे जुड़ गया
ना चाहते हुए भी वो मेरी कहानी का हिस्सा बन गया

ये मत सोचना कि उसने मुझे बर्बाद कर दिया
मेरे सारे अपनो को मेरे खिलाफ कर दिया
जलाकर मेरे शरीर को, मेरी रूह का श्रृंगार किया है
आज शुक्रिया करती हूँ उस घिनौने इंसान का
जिसने ना चाहकर भी मुझे आबाद किया है
मैंने मुझ जैसी लडकियों को नई राह दी हैं
और दोबारा ऐसा ना होने दुंगी ये कसम ली हैं
मुझे अपनी जिंदगी अपने तरीके से बितानी हैं
और मुझ जैसी सभी बहनो मे नई उम्मीद जगानी हैं
मुझे उन्हें बताना है कि ये हमारी जिन्दगानी हैं
और इसे हम वैसे जिएँगें जैसे हमे बितानी हैं


तारीख: 14.04.2024                                    प्राची दीपक गोयल









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