करवा चौथ

कैसे कहें हम बात दिलों की हैं ये मोहब्बत की बातें 
दिन तो लगता रंग भरा पर काली घटा भरी रातें ।।

चलो मिटा लो कलंक इश्क मे कह दो नही अकेला हूं 
कोई  बसा है  दिल के अंदर  इम्तिहानो से खेला हूं।।

वाह ! क्या निखरी चटक चांदनी अम्बर छटा निखार रहा.
करवा चौथ मनाओ रे जल्दी  चंदा तुम्हे पुकार रहा।।

सब तो खड़े सुहागन जोड़े  प्रेम अलौकिक बरस पड़ा 
प्रेम पुजारी भाव भरे यूं  विहल हो रहा  खड़ा- खड़ा।।

मैं तो उसे चाहता दिल से  मुझ सा इश्क कहाँ होगा ?
क्या वो मेरे लिये हमसफर ? करवा अर्घ्य रहा होगा ।।

मन्नत कर दो पूर्ण चंद्रमा प्रेम का कमल खिला दो तुम 
अब जल्दी से मेरे प्रिये से  हे गणराज ! मिला दो तुम।।

अगली करवा चौथ मैं निश्चय  उनके साथ मनाऊंगा
सत्य वचन है मेरा गजानन सच्चा साथ निभाऊंगा।।

है  ये  पर्व  सनातन का हाँ !  इसका ढंग  निराला  है
जल्दी से चढ़ चलो छत पर चांद निकलने वाला है।।


तारीख: 08.04.2024                                    आर्यन सिंह




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