मैंने चाँद देखा

मैंने चाँद देखा ,
चाँदनी में डूबी रात देखी !
रात में सुंदर सपने देखे !

मैंने सूरज देखा,
सूरज की रौशनी से दमकती दुनिया देखी !
दुनिया में मेरे अपने देखे !

मैंने फूल देखा,
फूल की खुशबू से महकता बागीचा  देखा !
बागीचे में गाते पंछी देखे !

मैंने अपने देखे,
मेरे लिए सहारा बन उठा उनका हाथ देखा !
हाथ के साथ मिला उनका साथ देखा !

मैंने डायरी देखी,
डायरी में अधूरी पड़ी कविताएं देखी ,
कविताओं में सजी अनगिनत कहानियां देखी!

मैंने अपना चेहरा देखा,
अपने चेहरे पर चमकती उम्मीद देखी,
उम्मीदों से गुलज़ार अपना दिल देखा !

अपने प्यार के अचानक मुंह मोड़कर ,
मुझे छोड़कर जाने के बाद मैंने ये सब देखा,
जो उसके जुनून में कहीं गुम था !


तारीख: 23.02.2024                                    सुजाता









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