मैंने चाँद देखा ,
चाँदनी में डूबी रात देखी !
रात में सुंदर सपने देखे !
मैंने सूरज देखा,
सूरज की रौशनी से दमकती दुनिया देखी !
दुनिया में मेरे अपने देखे !
मैंने फूल देखा,
फूल की खुशबू से महकता बागीचा देखा !
बागीचे में गाते पंछी देखे !
मैंने अपने देखे,
मेरे लिए सहारा बन उठा उनका हाथ देखा !
हाथ के साथ मिला उनका साथ देखा !
मैंने डायरी देखी,
डायरी में अधूरी पड़ी कविताएं देखी ,
कविताओं में सजी अनगिनत कहानियां देखी!
मैंने अपना चेहरा देखा,
अपने चेहरे पर चमकती उम्मीद देखी,
उम्मीदों से गुलज़ार अपना दिल देखा !
अपने प्यार के अचानक मुंह मोड़कर ,
मुझे छोड़कर जाने के बाद मैंने ये सब देखा,
जो उसके जुनून में कहीं गुम था !