नारी उमंग है, कोमल तरंग है, जीवन का नवरंग है, विचार है , बहार है, श्रृष्टि का सुंदरतम श्रृंगार है, संस्कार है, पहरदार है, आदि है, अनंत है, पर इच्छाओं से, परतंत्र है, नारी …
साहित्य मंजरी - sahityamanjari.com