परिंदा


बेशक , तुम्हारे दिल का टुकड़ा है वो
लेकिन उसे अपने दिल की भी सुनने दो न !


उड़ सकता है वो ऊंचे आसमान में
क्या हर्ज है गर ये बात मान लो तुम भी न !


पंख छोटे हैं तो क्या हुआ जो उसके अभी
लेकिन काटने की तुम कभी सोचना भी न !


औरों से अलग लगता है वो तो लगने दो
भीड़ से हटकर चलने का हौसला तुम भी दो न!


क्या हुआ जो नही मानता इस सिस्टम को वो
गर जिद है उसे सिस्टम बदलने की तो बदलने दो न !


पर दिए हैं उसे बनाने वाले ने
एक बार तो खुले आसमान में परवाज़ भरने का मौका
तुम भी दो न !

~बनाने वाले ने उसे जब पर दिए हैं तो उन्हें काटने का हक आपको - हमको कतई नहीं है !


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#parenthood
#courage
#RIPSYSTEM
#children
#educationsystem
#creativity


तारीख: 07.04.2020                                    सुजाता




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