टैगीयो को हो गयी खाज

किसी ओर की पोस्ट पर कभी जाते नहीं।
कुछ अपनी हरकतो से बाज आते नहीं।।।

टैगीयो को हो गयी है खाज ऐसी।
और अपना इलाज कराते नहीं ।।

काॅपी  करके  दूसरी के रचनाएँ।
अपना नाम चिपकाने से भी शरमाते नहीं।।

लडकीयों के फोटो के साथ लिख सारहीन शब्द।
कुछ अर्थ पूर्ण बाते ये बताते नहीं ।।

इनबाॅक्स मे आकर तो करेंगे टुन-टुन।
पोस्ट पर कॅमेंट में ये कभी आते नहीं।।

चलो करने दो टैग सीधा ब्लाॅक करेगें अब।
"बेचैन" छोडो अब इने समझाते नहीं।।।।


तारीख: 10.06.2017                                    रामकृष्ण शर्मा बेचैन




रचना शेयर करिये :




नीचे कमेंट करके रचनाकर को प्रोत्साहित कीजिये, आपका प्रोत्साहन ही लेखक की असली सफलता है


नीचे पढ़िए इस केटेगरी की और रचनायें