गरीबी में जीना और गुमनाम गुजर जाना है शोषितों,पीड़ितों तुम्हें ये काम कर जाना है । मत रखना उम्मीद अपनी तरक़्क़ी का कभी हर दौर में बस अपने वजूद से मुकर जाना है ।
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