मैं ऊँचे गगन को छोड़कर

 

मैं ऊँचे गगन को छोड़" कुणाल झा की एक प्रेरक हिंदी/उर्दू ग़ज़ल है। यह कविता उनके कविता संग्रह "पंख लौटा दो" का हिस्सा है। पुस्तक का लिंक यहाँ है  Click here


तारीख: 21.10.2025                                    साहित्य मंजरी टीम




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