मैं ऊँचे गगन को छोड़" कुणाल झा की एक प्रेरक हिंदी/उर्दू ग़ज़ल है। यह कविता उनके कविता संग्रह "पंख लौटा दो" का हिस्सा है। पुस्तक का लिंक यहाँ है Click here
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