इश्क़ में तुम नज़र चुराओ

ishq me tum nazar chrao gazal by musafir

इश्क़ में तुम नज़र चुराओ तो कोई बात नहीं।
 मुझ से इतना शर्माओ तो कोई बात नहीं।

बीते लम्हे हमें याद बहुत आते हैं,
ख्वाब में भी तुम आओ तो कोई बात नहीं।

कहने को तो हर दिल दिवाना है यहाँ,
आंसू मेरी आँख से गिराओ तो कोई बात नहीं।

सजदे में गिर कर भी देखा है हमने,
तुम हमें अपना न बनाओ  तो कोई बात नहीं।

खुद से ही बातें कर लेते हैं हम अक्सर,
तुम खामोशी में अपनाओ तो कोई बात नहीं।

राहें जितनी भी हों मुश्किल, हम चलेंगे,
दूर से ही तुम साथ निभाओ तो कोई बात नहीं।
 


तारीख: 06.04.2024                                    मुसाफ़िर




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