किस्मत का लिखा झोल झाल बदल देंगे

Maroof alam ki shayariकिस्मत का लिखा झोल झाल बदल देंगे
ये लोग क्या मेरे ग्रहों की चाल बदल देगें

अरे ये तो वो ठग हैं ठगों की बस्तियों के
इनका बस चले तो सारा माल बदल देंगे

देखना परिंदों तक जब ये आंच पहुंचेगी
खुद बा खुद ही परिंदे ये डाल बदल देंगे

तो गलत सोचते हैं हमारे बारे मे ऐ दोस्त
वो अगर ये सोचते हैं हम जाल बदल देंगे

जोर पे आयेगें अपने जिस दिन ये तूफान
तेरे मकानों का उस दिन ढाल बदल देंगे

रेगिस्तान की ये गर्मी और लू के ये थपेड़े
ऐ मुसाफिर आज तेरा ये हाल बदल देंगे

सोच समझकर उठाना हाथ उठाने वालों
हम गाधीं नही जो अपना गाल बदल देंगे

अगर फीका पड़ जायेगा रंग बदन का तो
आस्तीन के सांप फिर से खाल बदल देंगे


तारीख: 26.01.2024                                    मारूफ आलम









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