खारा सागर होने दो मुझको जी भर रोने दो
अपने सारे दर्दों को इन अश्को में धोने दो
सारी रात मैं जागा हूँ सारा दिन अब सोने दो
मुझको प्रेम के बीजों को सबके दिल में बोने दो
आजीवन बस पाया है अब मुझको कुछ खोने दो
मत रोक तुम आज मुझे मोहन जैसा होने दो
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