फूल सा मुस्कुराता हुआ कौन है

ख़्वाब में इस क़दर आ रहा कौन है
रातभर राज फिर खोलता कौन है

चूसने हैं लगे सब गरीबों के खून
फिर इन्हें दे रहा यूं दुआ कौन है

बोस, गांधी, भगत चाहते है सभी
खुद का बलिदान पर चाहता कौन है

आज फिर है चली कार फुटपाथ पर
बाद इसके जमीं पर पड़ा कौन है

इश्क़ में दर्द-ओ- ग़म ही मिला है हमें
इस जहाँ में रहा शादबा कौन है

शूल देकर हमें तो खफ़ा कर दिया
फूल सा मुस्कुराता हुआ कौन  है  


तारीख: 15.06.2017                                    महर्षि त्रिपाठी




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