अपनी आदत पर नज़र रखिए

Gazal Shayari sahitya manjari

आप खुद से ही अपनी हालत पर नज़र रखिए
मुक़दमा किया है तो अदालत पर नज़र रखिए

और भी हैं घर में माँ-बाप की सलामती के लिए
आप तो समझदार हैं,सो दौलत पर नज़र रखिए  

जिसे चुना है आपने, आपका दुश्मन न हो जाए
दिन-रात उसकी बढ़ती ताकत पर नज़र रखिए

जो गुज़र जाएँगे वो कभी पर वापस नहीं आएँगे
जितनी भी मिली है हर मोहलत पर नज़र रखिए

चाँद को चाहने से चाँद नहीं मिल जाया करते हैं
किसी को चाहने से पहले चाहत पर नज़र रखिए  

पता नहीं चलता कब अर्श से फर्श पे ले आती है
चाहे जैसी भी हों ,अपनी आदत पर नज़र रखिए


तारीख: 10.01.2024                                    सलिल सरोज




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