खर्चें बहुत है और हम बेरोजगार है अभी 

वक़्त के आगे लाचार हैं अभी
खर्चें बहुत है और हम बेरोजगार है अभी 

बड़ी मुश्किल से होता है अब गुजर-बसर
माँ बाप ही हमारे खातेदार है अभी 

जिन्दगी को यूं तो नहीं चाहा था हमने 
क्या कहे कि खराब हालात के शिकार है अभी 

मिलेगी कब तक कोई अच्छी सी नौकरी, मैनें इक ब्राह्मण से पुछा था
कहत‍ा है शनि की साढ़े साती की तुझपर मार है अभी 

पर इतना भी नासमझ नहीं है "नरेश" सब समझता है
नौकरशाही के कुछ अनपढ और रिश्वतखोर पहरेदार है अभी 


तारीख: 23.08.2019                                                        नरेश गुर्जर






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