मोहब्बत हो गई अब तो ख़जालत छोड़ दो जानां
मिलो चाहे न मुझसे तुम अदावत छोड़ दो जानां ।
यही अरमान लेकर मैं चला आया हूँ महफ़िल में
पिला दो जाम नज़रों से शराफत छोड़ दो जानां ।
करूँ क्या मैं बता दो तुम भुलाना है नही आसां
मुझे मिलकर हटाती दूर आदत छोड़ दो जानां ।
बहक जाऊं न मिलकर के इसी खातिर मैं डरता हूँ
कि जब हो पास तुम मेरे ये क़ुर्बत छोड़ दो जानां ।
नज़र मुझसे चुराती हो पडूँ जो सामने तेरे
सहा जाता न मुझसे अब,बग़ावत छोड़ दो जानां ।
न हो नाराज सुनकर तू जमाने भर की बातों को
भुला दो बातें दुनिया की रिबायत छोड़ दो जानां ।
सवालों में रखा क्या है करो बस प्यार मुझसे तुम
बहुत करती परेशां हो बकालत छोड़ दो जानां ।