किससे अब मैं भी दिललगी कर लूं।
अपने हाँथों ही खुदखुशी कर लूं।
लेके दिल वो भी ग़म नहीं देंगे,
उनके बातों पे क्यूँ यकीं कर लूं।
किसकी दस्तक से मौत आयेगी,
किसकी चौखट पे ज़िंदगी कर लूं।
खुश रहने का ये तरीका है,
अपनी हालत से दोस्ती कर लूं।
मुझसे खेले हैं वो सभी 'बेघर'
जिनसे जजबातें मैं सभी कर लूं।