उन्हें डर है अपने अस्तित्व के खत्म हो जाने का
इसीलिए अपने खौफ को बरकरार रखने के लिए
बरसाते हैं गोलियां
मासूम बच्चों पर
मासूम लोगों पर
और ख़ुश होते हैं मन ही मन
अपने इस कुकृत्य पर
पर वो भूल जाते हैं
उन मलालाओं को
जिन्होंने गोली खाने के बावजूद
उनसे डरना नहीं छोड़ा
और वो अडिग हैं अपने संघर्ष के रास्तों पर
निरंतर .....