बदन पर

बदन पर जो कपड़े थे वो ही कफ़न हो गए
बमों के गुबार में 
भूख और भूखे दोनों दफन हो गए
और तानाशाहों के बयान थे
मरने वाले बागी थे
चलों मान लिया सच्चे हैं वो
मगर जो बच्चे शहीद हुए क्या वो बच्चे भी दागी थे
तुम्हारी सियासी भूमि का एक एक रकवा झूठा है
झूठी है शान तुम्हारी हर एक तगमा झूठा है
 


तारीख: 07.03.2024                                    मारूफ आलम




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