बेहद मामूली और गौण हूँ

बेहद  मामूली और गौण हूँ
इल्म है मुझे की मैं कौन हूँ ।
मुझे पता  है औकात  मेरी
इसलिए  तो  रहता मौन हूँ ।
गलतफहमि आप  न पालें 
मैंने कब कहा,मै फिरौन हूँ ।
वक्त बहुत  खुश है मुझ से
नज़रों में उसके मैं गौण हूँ ।
दहशत में  हैं लिखने वाले
क्या मैं  साहित्यक डौन हूँ ?
 


तारीख: 19.03.2024                                    अजय प्रसाद









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