हिंदी राष्ट्र धरोहर

हिंदी है हमारी मातृभाषा
      हिन्द की राष्ट्रभाषा भी बननी चाहिए।
हिंदी है राष्ट्र की धरोहर
      धरोहर आगे बढ़नी चाहिए।।

रंगा विविध रंगों में भारतवर्ष हमारा है,
अनेक बोली-भाषाओं का संगम ये न्यारा है,
भिन्न-भिन्न स्थलों के जनमानस को 
जोड़ने का हिंदी ही बनती सहारा है,

बोलो चाहें कोई भी भाषा
       भारत में रहकर हिंदी आनी चाहिए।
हिंदी है राष्ट्र की धरोहर
        धरोहर आगे बढ़नी चाहिए।।

हिंदी में ही बोलते सब गीत हिंदी में ही गाते हैं,
हिंदी के मीठे बोल-बोलकर करीब हो जाते हैं,
समय जब आता है हिंदी को स्वीकारने का,
इसको अपनाने में लोग व्यर्थ क्यों घबराते हैं,

हिंदी है अपने देश की भाषा
      इसे श्रेष्ठ स्वीकारना चाहिए।
हिंदी है राष्ट्र की धरोहर
       धरोहर आगे बढ़नी चाहिए।।

देश में कभी मुगल कभी अंग्रेजों का राज हुआ,
जिसकारण अंग्रेजी और उर्दू का साम्राज्य हुआ,
विदेशी भाषाओं की अभ्यस्तता के चलते,
संविधान में सरकारी कार्यों में इनका काज हुआ,

पर हिंदी है जन-जन की भाषा
      हिंदी में ही राज-काज होने चाहिए।
हिंदी है राष्ट्र की धरोहर
      धरोहर आगे बढ़नी चाहिए।।


- सोनल ओमर
कानपुर, उत्तर प्रदेश
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दूसरी रचना
विधा - घनाक्षरी छंद(8+8+8+7)
शीर्षक - हिंदी महान
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हिंदी है हमारी शान,
      हिंदी से हमारा मान,
           जन जन की है हिंदी,
                  हिन्द की पहचान।।

स्वभाषा पर दो ध्यान,
      हिंदी है भाषा महान,
            लेखक हिंदी में लिख,
                  बने जग की शान।।

है पढ़े-लिखे की आन,
      अनपढों को भी भान,
            ये हिंदी भाषा सबको,
                  देती सामान्य ज्ञान।।

करो हिंदी का व्याख्यान,
       गाओ साथ हिंदी गान,
             भारत की मातृभाषा,
                   करो सब सम्मान।।

हिंदी पर है अभिमान,
       अभिव्यक्ति की है जान,
             चाहत है हिंदी गीत,
                   गाए हर ज़ुबान।।


तारीख: 14.02.2024                                    सोनल ओमर









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