ख़ुदा ने बुलाया पास तुम्हें, तुम उनको कितने प्यारे थे
है अच्छे लोगो की कमी वहाँ, और तुम तो सब से न्यारे थे
इस सँसार को छोड़ के जाने की, ना ऐसी उम्र तुम्हारी थी
सब सामान यहीं पर छोड़ गये, ये कैसी तैयारी थी
गीत अधूरे, बातें अधूरी, रिश्ते अधूरे, कहानी अधूरी
सब कुछ अधुरा, बस ये बात है पुरी, तुम सब के दुलारे थे
है अच्छे लोगो की कमी वहाँ, और तुम तो सब से न्यारे थे
वो चुलबुल सी हँसी तुम्हारी, नरम नरम सी बातें सब
याद आते हैं हम को हर पल, बताओ कैसे भूलें अब
तुम थोड़ा थोड़ा बसते हो, अपने सब यारों के भीतर
जिसे मौत भी ना तोड़ पाये, मरासिम ऐसे हमारे थे
है अच्छे लोगो की कमी वहाँ, और तुम तो सब से न्यारे थे
बेवफ़ा इस ज़िन्दगी का, किस से हम सब गिला करें
मौत तो इक दिन आनी है, तो क्यूँ ना हर पल जीया करें
तुम अब भी यहीं हो दुनिया में, हम सब के दिल मे रहते हो
उन पलों को समेट रखा है, जो तुम्हारे साथ गुजारे थे
है अच्छे लोगो की कमी वहाँ, और तुम तो सब से न्यारे थे
ख़ुदा ने बुलाया पास तुम्हें, तुम उनको कितने प्यारे थे
है अच्छे लोगो की कमी वहाँ, और तुम तो सब से न्यारे थे