तलाश

आज मन उदास है ,
कलम को कविता की तलाश है !
वही तो कागज़ पर उदासियां बांट पाएगी,
वरना कलम दिन-रात छटपटाएगी !
कविता जब कागज़ पर उतर आती है,
न जाने कितने भावों की प्यास बुझाती है!
कभी हंसाकर अचानक रुलाएगी,
कभी रूठकर दूर  भाग  जाएगी!
फिर भी हर कविता में जिंदगी
सदा जी कर भर मुस्कुराएगी !
तभी तो शायद,
आज मन उदास है!
कलम को कविता की तलाश है!


तारीख: 12.04.2024                                    सुजाता









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