युद्ध के उन्माद में
सीमा पर अब आगे क्या होगा
सेना का सख्त कदम क्या होगा
इस देश की देशभक्ति से
भरी जनता जानना चाहेगी ,
चबाते हुए पान, फूंकते हुए सिगरेट,
बहसते हुए अपने अड्डो पर
दीवारों पे चीखते हुए टीवी पर,
भींचते हुए दांत और मुट्ठियाँ।
लेकिन अगले ही दिन
फिर मजदूर होगा दिहाड़ी की सोच में,
किसान होंगे फसलों के मोल में,
स्कूलों में होगी हाजिरी फर्जी
बिकेंगे दरोगा पहने वर्दी
हस्पतालों में भीड़ खड़ी
सोचेगी लाइन के आगे बढ़ने की
सफर पर निकले लोग ठानेंगे दुबारा बस से
सफर न करने की
सीमा पर जो भी होता होगा
ये तय है कि उससे देश मे
कुछ भी असामान्य नहीं होगा
महीने दिन बाद लोग सोते होंगे आराम से
बस कुछ घरों का दिया धुआं देता होगा।