प्रेमलिपि

Laghu kavitaye

1.शीर्षक-प्रेमलिपि 

मैं आसान भाषा में, 
तुमसे प्रेम करती रही, 
तुम उसके प्रत्येक लिपि को, 
कठिन करते गए!


2. शीर्षक-नींद 
एक दो पसंद की तस्वीर के लिए, 
उतारनी पड़ती है कई ढेर सारी तस्वीरें, 
उसी तरह इक अच्छी नींद के लिए, 
तुम्हारी यादों से ऊबर, 
बदलनी पड़ती हैं अनगिनत करवटें!


तारीख: 06.04.2024                                    अदिति शंकर




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