इक हमाम में यारों यहाँ सब नंगे हैं
बाहर से दिखे साफ़ भीतर से गंदे हैं ।
नेता-अभिनेता,या पुलिस-प्रशासन
यारों सब आला दर्जे के भिखमंगे हैं।
साठगांठ के बेजोड़ सिकंदर हैं सारे
गोरे गोरे लोग औ इनके काले धंदे हैं।
तारीख: 11.02.2024अजय प्रसाद
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