मजदूर

 

यह कविता हमारे समाज में मज़दूरों की हालत को दिखाती है। यह कविता कुणाल झा के कविता संग्रह "पंख लौटा दो" का हिस्सा है। आप यह किताब Amazon पर खरीद सकते हैं।  Click here

यह कविता जयति वर्मा ने सुनाई है। ऐसी और कविताओं के लिए साहित्य मंजरी पर जाएँ।


तारीख: 31.10.2025                                    साहित्य मंजरी टीम




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